खता क्या थी मेरी ?(अंतिम भाग)

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गतांक से आगे कनक गला फाड़कर रो रही थी ,"ददू !यही फर्श के नीचे मेरा पार्थिव शरीर गढ़ा है। मुझे मुक्ति दिला दो ददू मेरे सैफ मेरा इंतजार कर रहे हैं।"ठाकुर ...

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